17 साल तक अमेरिका में रहने के बाद, एक NRI कपल ने भारत लौटने का फैसला किया है और इसके पीछे उन्होंने जो कारण बताया है, वह हैरान करने वाला है: अमेरिका की बेहद महंगी हेल्थकेयर और वहां मौजूद सहायक सिस्टम (Helping System) का अभाव। इस कपल की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने अमेरिका और भारत की स्वास्थ्य सेवाओं के बीच व्यापक बहस छेड़ दी है, जिसे अब तक 1.6 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
जुड़वा बच्चों के माता-पिता इस कपल ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली की गंभीर चुनौतियों का जिक्र किया है।
अमेरिकी स्वास्थ्य बीमा का 'दंश'
कपल ने बताया कि अमेरिका में स्वास्थ्य बीमा लेना और उसका उपयोग करना उनके लिए कितना मुश्किल और महंगा था।
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बीमा का महंगा प्रीमियम: उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम अपने आप में बहुत महंगा था।
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वार्षिक डिडक्टिबल का बोझ: बीमा के लाभ मिलने से पहले उन्हें अपनी वार्षिक डिडक्टिबल राशि (Out-of-pocket Deductible) पूरी करनी होती थी। इसका सीधा मतलब था कि उन्हें हर डॉक्टर के दौरे, लैब टेस्ट और छोटे-मोटे इलाज का खर्च पहले खुद उठाना पड़ता था।
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वित्तीय बोझ: कपल के लिए, यह डिडक्टिबल राशि मासिक प्रीमियम के अलावा सालाना $14,000 (लगभग 11.6 लाख रुपये) थी। इस भारी वित्तीय बोझ ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि बेहतर जीवन के लिए भारत लौटना ही सही है।
🇮🇳 भारत में स्वास्थ्य सेवा: सस्ती और सुलभ
इतना अधिक खर्च और वहां मौजूद मजबूत 'हेल्पिंग सिस्टम' (पारिवारिक या सामाजिक सहयोग) के अभाव ने कपल को भारत लौटने के लिए प्रेरित किया।
भारत लौटने के बाद उनका अनुभव बिल्कुल विपरीत रहा। उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवा किसी लग्जरी की तरह महसूस नहीं होती।
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सुलभता और त्वरित इलाज: कपल ने बताया, "यहां हमारे पास अच्छे डॉक्टरों तक आसान पहुंच है, त्वरित इलाज मिलता है और एक ऐसी सहायता प्रणाली है जो वास्तव में सुलभ लगती है।"
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वित्तीय राहत: भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच अब उनके लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ नहीं है, जैसा कि अमेरिका में था।
भारत वापसी: अकेली लड़ाई नहीं मातृत्व
कपल ने साफ किया कि उनका यह कदम अमेरिकी जीवन से 'भागना' नहीं था, बल्कि एक ऐसे जीवन की ओर बढ़ना था जहाँ वे शांति से रह सकें।
उनके लिए यह फैसला एक ऐसे जीवन की ओर बढ़ना था जहाँ:
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स्वास्थ्य सेवा एक वित्तीय बोझ न हो।
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मातृत्व (खासकर जुड़वां बच्चों के साथ) एक अकेली लड़ाई न रह जाए, बल्कि उन्हें परिवार और सामाजिक सहयोग मिल सके।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और यह दिखाता है कि कैसे उच्च प्रीमियम, जटिल बीमा योजनाएँ और डिडक्टिबल की ऊंची राशि अमेरिका में रहने वाले मध्यम वर्ग, विशेष रूप से प्रवासियों, के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जिसके सामने भारत की सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा एक आकर्षक विकल्प प्रदान करती है।